पाकुड़ समाहरणालय स्थित सभागार में उपायुक्त मनीष कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर आदि कर्मयोगी अभियान की प्रगति एवं उपलब्धियों की विस्तृत जानकारी मीडिया प्रतिनिधियों के साथ साझा की।उपायुक्त मनीष कुमार ने बताया कि आदि कर्मयोगी अभियान भारत सरकार की एक
उपायुक्त ने आदि कर्मयोगी अभियान को लेकर की प्रेस कॉन्फ्रेंस
पाकुड़ समाहरणालय स्थित सभागार में उपायुक्त मनीष कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर आदि कर्मयोगी अभियान की प्रगति एवं उपलब्धियों की विस्तृत जानकारी मीडिया प्रतिनिधियों के साथ साझा की।उपायुक्त मनीष कुमार ने बताया कि आदि कर्मयोगी अभियान भारत सरकार की एक महत्त्वाकांक्षी योजना है, जिसका उद्देश्य आदिवासी बहुल ग्रामों में आत्मनिर्भरता, सेवा भावना और समर्पण के साथ सतत विकास सुनिश्चित करना है। इस अभियान के अंतर्गत जिले में आदिवासी बहुल गाँवों का चयन किया गया है, जहाँ कम से कम 20 “आदि कर्मयोगी”— जिनमें आदि साथी, आदि सहयोगी और आदि कर्मयोगी शामिल हैं—का गठन किया गया है। उन्होंने बताया कि देशभर में कुल 1 लाख गाँवों में 20 लाख कर्मयोगियों के माध्यम से यह पहल संचालित की जा रही है। इसका मूल उद्देश्य ग्राम स्तर पर सेवा, संकल्प और समर्पण भाव के साथ जनभागीदारी आधारित विकास को सशक्त बनाना है। उपायुक्त मनीष कुमार ने कहा कि 2020 के विजन डॉक्यूमेंट के अनुरूप प्रत्येक गाँव के लिए विलेज एक्शन प्लान तैयार किया जा रहा है, जिसमें गाँव की वास्तविक आवश्यकताओं, संसाधनों और प्राथमिकताओं को ध्यान में रखा गया है। इसके लिए पहले धनबाद में मास्टर ट्रेनर्स को प्रशिक्षण दिया गया, तत्पश्चात ब्लॉक स्तर पर ओरिएंटेशन प्रोग्राम का आयोजन किया गया ताकि अभियान का सही संदेश गाँव-गाँव तक पहुँचे। उन्होंने आगे बताया कि 6 सितंबर से ही सभी गाँवों में अभियान की गतिविधियाँ शुरू की गईं। 15 दिवसीय कार्यक्रम के दौरान 2 अक्टूबर तक जिले के लगभग 400 गाँवों में विशेष ग्राम सभाएँ आयोजित की गईं, जिनमें ग्रामीणों ने विकास से संबंधित अपने सुझाव दिए। इन ग्राम सभाओं से प्राप्त प्रस्तावों के आधार पर अब विलेज एक्शन प्लान तैयार किया जा रहा है, जिनमें से लगभग सभी योजनाएँ अंतिम चरण में हैं। उपायुक्त ने यह भी बताया कि आदि सेवा केंद्रों को सक्रिय किया गया है और कई पंचायत भवनों में इन केंद्रों को सशक्त बनाने की दिशा में कार्य चल रहा है। अभियान के तहत पौधारोपण, स्वास्थ्य जागरूकता, शिक्षा संवर्धन, नशामुक्ति, और कौशल प्रशिक्षण जैसी गतिविधियों को भी विशेष रूप से प्रोत्साहित किया गया है।उपायुक्त मनीष कुमार ने कहा कि आदि कर्मयोगी अभियान सिर्फ एक सरकारी कार्यक्रम नहीं, बल्कि यह जनसेवा और आत्मनिर्भरता का लोक आंदोलन है। हमारा लक्ष्य है कि हर गाँव अपनी विकास यात्रा स्वयं तय करे। इसके लिए प्रत्येक कर्मयोगी को अपने कार्य में निष्ठा, सेवा भाव और समर्पण से जुटना होगा। मीडिया प्रतिनिधियों से मेरा आग्रह है कि वे इस अभियान की सशक्त जानकारी आम जनता तक पहुँचाएँ, ताकि जनभागीदारी के माध्यम से इस मिशन को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया जा सके।”
आदि सेवा पर्व: पाकुड़ जिले के 400 गांवों के विकास योजनाओं की तैयारी पूरी*
जनजातीय कार्य मंत्रालय, भारत सरकार की प्रतिनिधि सुचिस्मिता सेनगुप्ता ने बताया कि 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक आयोजित आदि सेवा पर्व के अंतर्गत पूरे देश में प्रत्येक गांव के लिए विकास योजनाओं का निर्माण किया गया। सेनगुप्ता ने कहा कि इस अभियान में देशभर में 20 लाख से अधिक वालंटियरों को प्रशिक्षित किया गया। पाकुड़ जिले में कुल 400 गांवों का विलेज डेवलपमेंट प्लान तैयार है। मैंने यहाँ आकर देखा कि पाकुड़ जिले में आदि सेवा कार्य प्रभावी रूप से संचालित हो रहे हैं और इनके प्रयास वास्तव में सराहनीय हैं।
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